भारत के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी जिसमें छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों को अतिरिक्त सावधानी वाले क्षेत्रों में शामिल किया गया है। 16 जून को भारत के लिए अपराध और आतंकवाद को लेकर चिंता जताई गई है। अमेरिका सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए भारत के लिए ट्रैवल एडवाइजरी निकला, जिसमें छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और मेघालय के अधिकांश हिस्सों में यात्रा से पहले अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है। हालांकि, इन राज्यों की राजधानियों में यात्रा के लिए अनुमति की जरूरत नहीं होगी। एडवाइजरी में कहा गया है कि भारत में बलात्कार और यौन हिंसा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
अमेरिकी नागरिकों, खासकर महिलाओं, को अकेले यात्रा ना करने की सलाह दी गई है। साथ ही, पर्यटन स्थलों, बाजारों और सरकारी इमारतों पर आतंकी हमले का खतरा भी बताया गया है। अमेरिकी सरकार ने भारत के लिए ट्रैवल एडवाइजरी किया तब से यात्रियों को चेतावनी दे रहे हैं कि भारत में सेटेलाइट फोन या जीपीएस डिवाइस रखना गैरकानूनी है, जिस पर $20,000 का जुर्माना या 3 साल तक की जेल हो सकती है। मणिपुर और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों को भी खतरनाक घोषित किया गया है। साथ ही, भारत-नेपाल सीमा पर जमीनी यात्रा से बचने की सलाह दी गई है, क्योंकि वहां अवैध प्रवेश के आरोप में गिरफ्तारी और जुर्माने का खतरा है।
भारत के लिए ट्रैवल एडवाइजरी, के जारी होते ही विपक्ष के नेताओं के बयान और ट्वीट सामने आने लगे हैं। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने लिखा, “यह है अमृत काल! प्रधानमंत्री जी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से दोस्ती का ऐसा सिला!” साथ ही बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था बहुत खराब है। जब से बीजेपी सरकार बनी है, तब से महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। “अमेरिका की एडवाइजरी हमारे लिए शर्मनाक है।” इसके साथ ही, कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव ने भी सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा, “अमेरिकी एडवाइजरी में छत्तीसगढ़ का उल्लेख किया गया है। छत्तीसगढ़ में रायपुर के अलावा कहीं भी कोई जगह सेफ नहीं है। बताया गया है। देश के साथ-साथ प्रदेश का भी विश्व में डंका बज रहा है। घोर निंदनीय।” टी एस सिंह देव ने लिखा कि अमेरिका ने साफ कहा है कि भारत के लिए ट्रैवल एडवाइजरी और खासकर छत्तीसगढ़ में महिलाएं अकेले यात्रा ना करें। क्यों? क्योंकि बलात्कार, हिंसा और आतंकवाद बेकाबू हैं। बेटी बचाओ सिर्फ नारे और पोस्टर तक सीमित है। “भाजपा सरकार की नाकामी ने भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर शर्मिंदा किया है। हालात जल्द से जल्द सुधारे नहीं गए, तो मोदी राज के नए भारत को चेतावनी और अपमान मिलता रहेगा।”
यह एडवाइजरी जारी हुई, और यह भी सच है कि इन दिनों बस्तर में जैसे हालात हैं, आए दिन होने वाली नक्सली हिंसा, आई डी ब्लास्ट और मुठभेड़ की चपेट में आने वाले ग्रामीण आदिवासी चिंता का विषय तो है ही। बस्तर हिंसा की आग में जल रहा है, उसकी खबर विदेशों तक है।
बहरहाल, आइए जान लेते हैं अमेरिका ने भारत के किन-किन राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की है:
* **जम्मू और कश्मीर:** आतंकवाद और नागरिक अशांति के कारण यहां यात्रा ना करने को कहा गया है। यहां हिंसा छिटपुट रूप से होती रहती है, विशेषकर नियंत्रण रेखा पर तथा श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगाम जैसे पर्यटन स्थलों पर।
* **भारत-पाकिस्तान सीमा:** सशस्त्र संघर्ष के जोखिम के कारण यात्रा नहीं करने को कहा गया है। एकमात्र आधिकारिक क्रॉसिंग पॉइंट अटारी-वाघा बॉर्डर है। यहां आने के लिए वीजा की आवश्यकता होती है।
**मध्य एवं पूर्वी भारत* नक्सली समूहों की आतंकवादी गतिविधियों के कारण यात्रा ना करें। विशेषकर छत्तीसगढ़, झारखंड, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के ग्रामीण क्षेत्रों में।
* **मणिपुर:** जातीय आधारित हिंसा और भारतीय सरकारी कर्मियों पर लक्षित हमलों की वजह से यात्रा ना करें।
* **पूर्वोत्तर राज्य:** आतंकवादी खतरों और जातीय विद्रोही हमलों के कारण यात्रा पर जाने से पहले एक बार पुनर्विचार करें। अमेरिकी सरकारी कर्मचारियों को सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश तथा राज्य की राजधानियों से बाहर के क्षेत्रों सहित कुछ क्षेत्रों की यात्रा करने के लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है।
अपराध, युद्ध और किसी आपदा की स्थिति में लगभग सभी देश अपने नागरिकों के लिए ऐसी एडवाइजरी जारी करते हैं। 2021 में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अमेरिका ने भारत के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की थी। इस एडवाइजरी में सभी नागरिकों से अपील की गई थी कि वह भारत जाने से बचें। भारत उस वक्त कोरोना संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित देश था, जहां हर रोज 3 लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे थे। ऐसे में अमेरिकी सरकार ने एडवाइजरी जारी कर अपने नागरिकों से अपील की थी ।इसके अलावा, 6 वर्ष पहले, 2019 में पुलवामा हमले के बाद अमेरिका ने भारत जाने वाले अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की थी। इसमें कहा गया था कि भारत जाने वाले यात्री अपराध और आतंक के चलते अतिरिक्त सावधानी बरतें। वहीं, जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अशांति के माहौल को देखते हुए यात्रियों को वहां न जाने की चेतावनी दी गई थी। इसके अलावा, नागरिकों से पाक बॉर्डर से दूर रहने के लिए भी कहा गया था।
व्हाइट हाउस के ब्यूरो चीफ ने ट्वीट पर इस बात की जानकारी दी थी। उस समय भी भारत के ट्रैवल एडवाइजरी जारी किया गया था कि भारत में दुष्कर्म, मॉर्यन और उत्पीड़न जैसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह टूरिस्ट साइट्स और दूसरी जगहों पर भी हो रहा है। इसके अलावा, आतंकी कभी भी बिना चेतावनी के बाजार, शॉपिंग मॉल या सरकारी इमारतों पर हमला कर सकते हैं। ऐसे में, यात्रा पर निकले अमेरिकी नागरिक अपने सिक्योरिटी प्लान तैयार रखें। साथ ही, महिलाएं अकेले सफर न करें। इसके अलावा, ठीक 1 साल पहले भी, जुलाई 2024 में मणिपुर हिंसा के दौरान अमेरिका ने अपनी नई ट्रैवल एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें भारत के मणिपुर और जम्मू-कश्मीर राज्य में न जाने की सलाह दी गई थी। इसके साथ ही, भारत-पाकिस्तान सीमावर्ती क्षेत्र और भारत के मध्य और पूर्वी हिस्सों में न जाने को कहा गया था। जिन स्थानों पर नक्सली सक्रिय हैं,
अमेरिका ने कहा था कि अपराध, नस्लवाद और आतंकवाद की वजह से भारत में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान स्थान में जारी तनाव के बीच, कई देशों ने अपने नागरिकों को इन दोनों देशों, भारत और पाकिस्तान की यात्रा न करने के निर्देश दिए थे। इन देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, रूस, आयरलैंड और न्यूजीलैंड शामिल हैं। अतिरिक्त सावधानी बरतने वाली ऐसी एडवाइजरी अमेरिकी नागरिकों के लिए हो सकता है कि जरूरी हो और संभव है कि इसका पालन भी वे करते हैं, लेकिन किसी अपराध या हिंसा को जोड़कर, जब किसी राज्य या देश को लेकर ऐसी एडवाइजरी जारी की जाती है, तो इससे राज्य और देश की एक नकारात्मक छवि तो बनती ही है।