डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कुछ कहा इसराइल और ईरान के हमलों के बीच?

क्या इजरायल और ईरान की लड़ाई में अब अमेरिका की एंट्री होने वाली है? इस सवाल का जवाब तो हमें नहीं मिला, लेकिन 16 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कुछ गतिविधियों ने इसकी प्रासंगिकता इस सवाल की प्रासंगिकता 1000 गुना बढ़ा दी है। क्या  किया उन्होंने? 16 जून को कनाडा में ज G 7  का शिखर सम्मेलन चल रहा था। डोनाल्ड ट्रंप वहाँ मौजूद थे। वहाँ से उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउन्ट ट्रुथ सोशल का जो उनका अपना  प्लेटफार्म है उस पर एक पोस्ट लिखा एव्रीवन शुड इमीडियेटली यानी, सबको तुरंत खाली कर देना चाहिए।  इसके बाद तेहरान से भारी ट्रैफिक की तस्वीरें आयी। लोग शहर छोड़ करके भाग रहे थे। ट्रंप ने इस पोस्ट को अपने अकाउन्ट पर पिन भी कर दिया है। दूसरी चीज़ ये हुयी की कुछ ही घंटे बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अपना दौरा बीच में रोक दिया, और कनाडा से वाशिंगटन लौट गए जब की G 7 समिट में उन्हें 1 दिन और रुकना था।

डोनाल्ड ट्रंप के साथ साथ अमेरिकी विदेश मंत्री वहाँ से लौट गए। इसके बाद खबर आई कि ट्रंप ने अपने जो नेशनल सिक्योरिटी काउंसलर है उसके सिचुएशन रूम में तैयार रहने को उसको कहा है। सिचुएशन रूम व्हाइट हाउस का एक कमरा है। तनाव के हालात में यही से सब कुछ कंट्रोल किया जाता है।ओसामा बिन लादेन के ऑपरेशन को यही से देखा था। उधर कनाडा से ट्रंप लौटे तो वहाँ मौजूद फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने एक बयान दिया। कहा कि ट्रंप इजरायल और ईरान के बीच युद्ध विराम कराने के लिए लौटे है। उन्होंने ये भी कहा कि एक युद्ध विराम प्रस्ताव सामने रखा गया है, लेकिन इसके बाद  ट्रंप ने एक और चीज़ की। उन्होंने एक पोस्ट किया और लिखा की पब्लिसिटी के भूखे ने फिर गलती कर दी। बिलकुल गलत। उन्हें ज़रा भी अंदाजा नहीं है कि मैं क्यों लौट रहा हूँ। उसका सीज़फायर से कोई लेना देना नहीं है। बात इससे कहीं ज्यादा बढ़ी है।

इसके बाद भी ट्रंप ने कई पोस्ट्स किये लिखा की मैंने ईरान से शांति की किसी भी तरह की कोई अपील नहीं की। ये फेक न्यूस है। ईरान को हमारे साथ नुक्लेअर डील कर लेनी चाहिए थी। इस तरह बहुत सी ज़िंदगिया बच सकती थी। कनाडा से अमेरिका लौटने के दौरान अपने प्लेन एयर फोर्स वॅन पर ट्रंप ने रिपोर्टर से कहा। हम सिर्फ सीज़फायर नहीं चाहते, उसे कहीं ज्यादा बड़ी चीज़ चाहते हैं। उनसे पूछा गया कि इसका मतलब क्या है? ट्रंप ने जवाब दिया, पूरा का पूरा संपूर्ण अंत। सिर्फ एक सीज़फायर नहीं संपूर्ण अंत है। आखिर कहना क्या चाहते हैं, उनका मकसद क्या है? G 7 समिट से वो अचानक क्यों लौटे इसे ऐसे समझिए कि दुनिया के सबसे ताकतवर कहे जाने वाले देश का राष्ट्रपति आर्थिक तौर पर दुनिया के छह सबसे मजबूत लोकतांत्रिक देशों के राष्ट्राध्यक्ष के साथ एक सम्मेलन में था।

और उसको छोड़ करके लौट आया। इसको कैसे देखा जाना चाहिए? क्या अमेरिका इस जंग में कूदने वाला है और अगर ऐसा हुआ तो क्या इसमें इस पूरी कहानी में क्या बदलाव हो सकते है? 

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