क्रिकेट में लागू हुआ 6 नया नियम।

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आईए जानते हैं क्रिकेट के कितने नए नियमों में हुआ बदलाव!

*क्रिकेट में ओवर खत्म होने के बाद दूसरा ओवर शुरू करने में कितना समय लगेगा? यह आईसीसी ने अब तय कर दिया है। साथ ही, बैट के बजाय पैड पर गेंद लगी और अल्ट्रा एज में आवाज आई तो क्या फैसला लिया जाएगा, यह भी आईसीसी ने फिक्स कर दिया है। इसके अलावा, नो बॉल पर कैच, शॉर्ट रन और सलाइवा के नियम में भी बदलाव हुए हैं, जो टेस्ट, वन डे और टी-20 तीनों फॉर्मेट में लागू होंगे। क्या हैं ये बदलाव? बताएंगे आपको डिटेल में इस वीडियो के अंदर। हैलो, मैं हिमांशु हूं और आप देख रहे हैं खबर गांव। पहला बदलाव है स्टॉप क्लॉक को लेकर।

अक्सर टेस्ट क्रिकेट में धीमी ओवर रेट और खेल को लंबा खींचने की शिकायत रहती है। इसे दुरुस्त करने के लिए आईसीसी ने टेस्ट क्रिकेट में भी स्टॉप क्लॉक नियम लागू करने का फैसला किया है। टी-20 और वन डे में इसे पहले ही आजमाया जा चुका है। इस नियम के तहत, जैसे ही एक ओवर खत्म होगा, स्टॉप क्लॉक शुरू हो जाएगा।

क्रिकेट में भी स्टॉप क्लॉक नियम लागू

*फील्डिंग टीम को 60 सेकंड के भीतर दूसरा ओवर शुरू करना ही होगा। अगर टीम ऐसा नहीं करती है, तो एम्पायर पहले दो बार चेतावनी देंगे। तीसरी बार, वे हर गलती पर फील्डिंग टीम पर 5 रन की पेनल्टी लगाएंगे। हर अस्सी ओवर के बाद चेतावनियां रिसेट हो जाएंगी, यानी फिर से दो चेतावनियां मिलेंगी। स्टॉप क्लॉक 60 से 0 तक उल्टी गिनती करेगा, जिसके समय का हिसाब रखा जाएगा। टी-20 और वन डे में ये नियम लागू रहेंगे। दूसरा नियम है, सलाइवा को लेकर। कोरोना काल से ही गेंद पर लार ,यानी कि सलाइवा लगाना मना हो चुका है। इसे प्रतिबंधित कर दिया गया था। ये प्रतिबंध अब भी जारी है। गेंद पर सलाइवा नहीं लगाया जा सकता, लेकिन नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं। पहले अगर कोई खिलाड़ी गलती से भी लार लगाता था, तो गेंद तुरंत बदल दी जाती थी, लेकिन अब ऐसा होगा नहीं।क्रिकेट मैच में अब एम्पायर गेंद की जांच करेंगे। अगर उन्हें लगता है कि बदलाव की जरूरत है,

तब ही गेंद बदली जाएगी

*तब ही गेंद बदली जाएगी, लेकिन अगर गेंद बहुत गीली नहीं हुई या उसकी चमक में बदलाव नहीं हुआ, लेकिन बाद में गेंद कुछ खास करने लगी, तो भी गेंद नहीं बदली जाएगी, बल्कि फील्डिंग टीम पर पांच रनों की पेनल्टी लगाई जाएगी। गेंद बदलनी है या नहीं? ये पूरी तरीके से एम्पायर के विवेक पर निर्भर करेगा। ये बदलाव इसलिए किया गया है ताकि टीमें जानबूझकर गेंद बदलवाने के लिए सलाइवा का इस्तेमाल न करें। नियमों में तीसरा बदलाव हुआ है डीआरएस को लेकर। बल्ले को छूते हुए कीपर के दस्तानों में गेंद को जाते हुए हमने अक्सर देखा है, और ये भी देखा है कि सबसे ज्यादा आउट भी इसी तरह के आउट में होता है, कि बॉल बल्ले से लगी है या नहीं लगी। अक्सर इस तरह के आउट में डीआरएस का इस्तेमाल किया जाता है। फिल्म अल्ट्रा एज तकनीक के जरिए गेंद के टकराने की आवाज से पता लगाया जाता है कि बेटर आउट है या नहीं।

*लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि बॉल बैट के बजाए पैड से टकराई होती है और ऐसी स्थिति में कैच का फैसला खारिज हो जाता है, और एलबीडब्ल्यू की जांच के लिए एम्पायर कॉल होता था और बेटर नॉट आउट होता था, लेकिन अब नए नियम के मुताबिक अगर बॉल पैड से टकराई जाती है, और बॉल ट्रैकिंग से पता चलता है कि बेटर एलबीडब्ल्यू है, तो फिर उसे आउट माना जाएगा। एक बदलाव ये भी हुआ है कि अगर एक ही बॉल पर दो तरह की अपील आती हैं, तो जो पहले हुआ है, उसकी जांच पहले की जाएगी। जैसे, अगर एक ही बॉल पर एलबीडब्ल्यू और रन आउट दोनों की अपील आती हैं, तो फिर पहले एलबीडब्ल्यू की जांच होगी, क्योंकि वो पहले हुई थी। उसके बाद रन लिया गया है और रन आउट हुआ है। इसलिए, रन आउट की जांच बाद में की जाएगी। अगर एलबीडब्ल्यू में बेटर आउट हो जाता है, तो फिर रन आउट की जांच से ही होगी।

*इसके अलावा, एक बदलाव शॉर्ट रन को लेकर भी हुआ है।क्रिकेट मैच में कभी-कभी बेटर जानबूझकर क्रीज तक नहीं पहुंचते ताकि जल्दी रन ले सकें या स्ट्राइक पर रन सकें। इसके लिए बैटिंग टीम पर पेनल्टी का नियम है। अगर कोई खिलाड़ी जानबूझकर शॉर्ट रन लेते पकड़ा जाता है, तो फिर उसकी टीम पर 5 रन की पेनल्टी लगाई जाती है। अब नियमों में बदलाव किया गया है। अगर कोई खिलाड़ी जानबूझकर शॉर्ट रन लेता है, तो फील्डिंग टीम के पास ये तय करने का अधिकार होगा कि कौन सा बल्लेबाज स्ट्राइक पर रहेगा। इसके लिए एम्पायर फील्डिंग टीम से पूछेंगे कि वो किसे स्ट्राइक पर चाहते हैं? 5 रन की पेनल्टी तो मिलेगी ही। एक बदलाव नो बॉल पर कैच की जांच में भी किया गया है। कैच सही है या नहीं, ये कई बार स्पष्ट नहीं होता। एम्पायर उसकी जांच करते हैं, लेकिन अगर इसी दौरान ये पता चले कि गेंद नो बॉल है, तो फिर कैच की जांच नहीं की जाती थी, बंद कर दी जाती थी।

*अब ऐसा नहीं होगा। नए नियम के मुताबिक, कैच की जांच की जाएगी, भले ही गेंद नो बॉल हो। अगर कैच सही है, तो फिर बल्लेबाज टीम को केवल नो बॉल का एक रन एक्स्ट्रा मिलेगा, लेकिन अगर कैच सही नहीं है, तो फिर बेटर के दौड़े हुए रन भी टीम के स्कोर में ही छोड़ दिए जाएंगे। तो ये रहे आईसीसी के नए नियम।

क्रिकेट के खेल में हुए इस बदलाव को आप किस तरह से देखते हैं, कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं।

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